उद्यमिता की अवधारणाएँ और परिभाषा

उद्यमिता परिभाषा

नये संगठन आरम्भ करने की भावना को उद्यमिता कहते हैं। किसी वर्तमान या भावी अवसर का पूर्वदर्शन करके मुख्यतः कोई व्यावसायिक संगठन प्रारम्भ करना उद्यमिता का मुख्य पहलू है। उद्यमिता में एक तरफ भरपूर लाभ कमाने की सम्भावना होती है, तो दूसरी तरफ जोखिम, अनिश्चितता और अन्य खतरे की भी प्रबल संभावना होती है।

रॉबर्ट लैम के अनुसार –“ उद्यमिता सामाजिक निर्णय का वह स्वरूप है जो आर्थिक नवपरिवर्तनों द्वारा संपादित किया जाता है ।”

रिचमन तथा कोपेन के अनुसार– “उद्यमिता किसी सृजनात्मक बाह्य खुली प्रणाली की ओर संकेत करती है यह नव परिवर्तन परिवर्तन ,जोखिम वहन तथा गतिशील नेतृत्व का कार्य करती है।”

उद्यमिता क्या है, उद्यमिता की अवधारणा

उद्यमिता की अवधारणा

1.         जोखिम उठाने की क्षमता संबंधी अवधारणा

2. संगठन निर्माण योग्यता संबंधित अवधारणा

3.         प्रबंधकीय एवं नेत्रत्व संबंधी अवधारणा

4.         नवाचार संबंधी अवधारणा

5.         अवसर खोजने की प्रक्रिया संबंधी अवधारणा

6 .        वृद्धि की क्षमता (Scalability)

7.        पेशेवर संबंधी अवधारणा:

1. जोखिम उठाने की क्षमता संबंधित अवधारणा

जोखिम संबंधित अवधारणा के अनुसार किसी भी व्यवसाय की स्थापना काल से ही उसमें जोखिम होता है ।जिसको सभी उद्यमी को बहुत ही बुद्धिमत्ता के साथ वहन करना होता है। इसलिए कहा भी जाता है कि उद्यमिता जोखिम उठाने की कला है ,इस अवधारणा के प्रबल समर्थक फ्रैंक एचनाइट ,रिचर्ड कैंटीलान, गायकवाड और तथा जैक्सन आदि है।

जोखिम  दो प्रकार के होते हैं-1)  सामान्य जोखिम

                                         2)  अनिश्चितजोखिम

1.सामान्य जोखिम

सामान्य जोखिम में जो पहले से चले आ रहे हैं व्यवसाय को आने वाली पीढ़ी द्वारा चलायमान रखने होता है इसमें सिर्फ लाभ या हानिका ही समायोजन करना होता है। इसका एक बेहतर उदाहरण है धीरूभाई अंबानी द्वारा बनाई गई कंपनी रिलायंस का मुकेश व अनिल अंबानी द्वारा चलाना ।

 2.  अनिश्चितजोखिम

 अनिश्चित जोखिम इसमें नवीन व्यवसाय की स्थापना की जाती है इसमे सबसे ज्यादा आवश्यकता पूंजी और श्रम की होती है इसका उदाहरण एम बी ए चाई वाला है ।और एक और उदाहरण इसका देखा जा सकता है। फिजिक्स वाला कोचिंग भी इसका उदाहरण है।

2. संगठन निर्माण योग्यता संबंधित अवधारणा (Concept as to Organization Building Ability)-

उद्यमिता नवीन संगठनो को सृजन करने की प्रक्रिया है गार्डनर के अनुसार यह ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें उद्यमियों के द्वारा नवीन संगठनों का निर्माण किया जाता है क्योंकि संगठन एक व्यापक प्रबंधकीय एवं उद्यमी कार्य है इसलिए यह भी कहा जा सकता है कि उत्पादन के विभिन्न साधन जैसे श्रम पूंजी भूमि आदि को इस प्रकार नियोजित रूप से संगठित करना कि उनका समुचित उपयोग किया जा सके इस अवधारणा के समर्थन में विख्यात अर्थशास्त्री जे बी से ,अल्फ्रेड मार्शल, कोपमैन आती है। इसका एक उपयुक्त उदाहरण है टाटा कंपनी द्वारा सूरत में नैनो कर के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना करना।

3. प्रबंधकीय एवं नेतृत्व संबंधित अवधारणा ( concept as to Managerial and leadership skills)

हासलिज के अनुसार प्रबंधकीय कौशल उद्यमिता का महत्वपूर्ण पहलू है, किसी भी व्यवसाय में प्रबंधन का कौशल का होना अति आवश्यक है क्योंकि उद्यमी स्वयं में कुशल प्रबंधक भी होता है जो व्यवसाय को स्थायित्व देने तथा व्यवसाय के विकास के लिए नियोजित प्रबंध करता है इस अवधारणा के प्रमुख समर्थक बी एफ हासलिज है ।

इस अवधारणा को  एक उपयुक्त उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है विजय माल्या द्वारा स्थापित किंगफिशर एयरलाइंस जो बेहतर प्रबंधन के अभाव में शीघ्र ही डूब गई।

4. नवाचार संबंधित अवधारणा( concept as to  innovation) –

किसी भी व्यवसाय में नवीनता अति आवश्यक होती है क्योंकि बिना नवीनता के उसे व्यवसाय से संबंधित उत्पादों उत्पादकों की मांग घट जाती है तथा वह व्यवसाय भी  बाजार से बाहर हो जाता है। जैसे नोकिया फोन कोडेक कैमरा ,सोनी एरिकसन मोबाइल। इस अवधारणा के प्रमुख समर्थक शुमपीटर हैं।

5. अवसर तलाश में की प्रक्रिया संबंधित अवधारणा –

किसी भी व्यवसाय के समुचित विकास के लिए समुचित अवसर भी होना चाहिए जिससे की अपने व्यवसायिक  हितों के लिए लाभ उठाया जा सके। इसके लिए अवसरों का पता लगाना भी अति आवश्यक हो जाता है और अवसरों का पता लगाने का कार्य लगातार चलता भी रहता है जो की कोई भी अवसर छूट गया या फिर उसका उपयोग किसी प्रतिद्वंद्वी लेकर लिया तो बहुत घाटा हो सकता है। पीटर अप ड‌‌कर के अनुसार अवसरों की अधिक अधिक खोज करना ही उद्यमिता की सही परिभाषा है। उदाहरण,-एलन मस्क द्वारा स्पेस एक अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना।

 6. वृद्धि की क्षमता (Scalability):

 वृद्धि की क्षमता से तात्पर्य उस संभावनाओं से है जिनसे एक व्यवसाय तेजी से और स्थायी रूप से बढ़ सकता है। बढ़ने वाली कंपनियां राजस्व को बिना लागत में वृद्धि के बढ़ा सकती हैं।

  7.  पेशेवर संबंधी अवधारणा

विश्व की अधिकतम देश की अर्थव्यवस्था विकासशील से विकसित की ओर और जा रही है वैसे-वैसे उद्यमिता का विकास हो रहा है और यह पेसे का रूप धारण कर रही इसी कारण उद्यमिता को पेशेवर की अवधारणा के रूप में लिया गया है ।

उपर्युक्त अवधारणाओं को समझना नए उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने और प्रबंधित करने की जटिलताओं को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने में मदद कर सकता है।

उद्यमिता की अवधारणाओं और परिभाषा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

रॉबर्ट लैम के अनुसार उद्यमिता परिभाषा


”उद्यमिता किसी सृजनात्मक बाह्य खुली प्रणाली की ओर संकेत करती है यह नव परिवर्तन परिवर्तन ,जोखिम वहन तथा गतिशील नेतृत्व का कार्य करती है।”

रिचमन तथा कोपेन के अनुसार के अनुसार उद्यमिता परिभाषा


उद्यमिता सामाजिक निर्णय का वह स्वरूप है जो आर्थिक नवपरिवर्तनों द्वारा संपादित किया जाता है ।”

Leave a Comment